टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में अंतर (2023 with table), 7 Difference Between Type1 and Type2 Diabetes in Hindi – आज की अनियमित जीवन शैली के कारण इन्सान बहुत से बिमारियों से घिरा हुआ है, और इन सबमे शुगर और BP, ब्लड प्रेशर और थायराइड ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया हुआ है। आज के लेख में हम शुगर/मधुमेह के बारे में जानेंगे कि ये क्या है, ये क्यों होती है, और इसके कितने प्रकार है और इन टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में क्या अंतर है। तो चलिए शुरू करते है।
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टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में अंतर (7 Difference Between Type1 and Type2 Diabetes in Hind)
Comparison Chart – टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज की तुलना सारणी निम्नलिखित है-
विवरण | टाइप 1 मधुमेह | टाइप 2 मधुमेह |
---|---|---|
अर्थ | इंसुलिन का उत्पादन न होने पर रक्त मे शुगर की वृद्धि। | शारीर द्वारा उत्पादित इंसुलिन का उपयोग करने की क्षमता खो देने के कारण रक्त मे शुगर की वृद्धि। |
आयु वर्ग | इस प्रकार का मधुमेह मुख्यतः 15 या उससे कम आयु के लोगों मे दिखाई देता है। | इस प्रकार का मधुमेह मुख्यतः 40 या उससे अधिक आयु के लोगों मे दिखाई देता है। |
इलाज | इसका फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है। | इसका इलाज संभव है। |
तीव्रता | इस प्रकार का मधुमेह अधिक जानलेवा होता है। | इस प्रकार का मधुमेह अधिक जानलेवा नहीं होता है। |
समान्यता | इस प्रकार का मधुमेह बहुत कम लोगों में दिखाई देता है। | इस प्रकार का मधुमेह विश्व मे कुल पीड़ित मधुमेह लोगों में से 90-95% बहुत कम लोगों मे पाया है। |
प्रबंधन | टाइप 1 डायबिटीज में आपके ब्लड शुगर को आप इंसुलिन ले कर नियंत्रित कर सकते है। | आप टाइप 2 डायबिटीज को टाइप 1 की तुलना में अधिक तरीकों से मैनेज कर सकते हैं। इनमें दवा, व्यायाम और आहार शामिल हैं। टाइप 2 वाले लोगों को भी इंसुलिन प्रिसक्राईब किया जा सकता है। |
लक्षण | टाइप 1 के लक्षण अधिक तेजी से प्रकट होते हैं। | टाइप 2 के लक्षणों अनदेखे हो सकते है क्योंकि वे समय के साथ धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। |
मधुमेह/शुगर क्या होता है? (What is Diabetes in Hindi)
What is Diabetes in Hindi – दोस्तों मधुमेह में एक बहुत ही गंभीर बीमारी का नाम है। यह बीमारी आपके शरीर के रक्त में उपस्थित Sugar (शर्करा) को नियंत्रण करने की क्षमता को प्रभावित करती है। Sugar शर्करा आप की कोशिकाओं को पोषित करने वाला ईंधन होता है। लेकिन शर्करा को आप की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता पड़ती है। इंसुलिन की सहायता से ही शर्करा आपकी कोशिकाओं तक पहुंचता है। मधुमेह बीमारी इसी इंसुलिन की प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
तो चलिये दोस्तों अब यह जानते है की मधुमेह कितने प्रकार का होता है और यह आपके शरीर को किस तरह प्रभावित करता है।
आप पढ़ रहे है – Difference Between Type1 and Type2 Diabetes in Hindi
मधुमेह कितने प्रकार का होता है? (Types of Diabetes)
Types of Diabetes – मधुमेह दो प्रकार का होता है-
- टाइप 1 / Type 1 Diabetes – टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति का शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। ऐसी अवस्था में शुगर व्यक्ति की कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है और और खून में शुगर की मात्रा में वृद्धि हो जाती है।
- टाइप 2 / Type 2 Diabetes – टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन तो होता है परंतु व्यक्ति का शरीर इंसुलिन का सही रूप से प्रयोग नहीं कर पाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति के रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। ज्यादा समय तक इस से पीड़ित व्यक्ति में इंसुलिन का उत्पादन होना भी धीरे-धीरे कम होने लग जाता है।
दोनों ही प्रकार के मधुमेह आपके शरीर मे इंसुलिन बनने के प्रक्रिया या इंसुलिन द्वारा शुगर के प्रवाह की प्रक्रिया को बाधित करते हैं जिसकी वजह से रक्त में शुगर के स्तर की वृद्धि हो जाती है। जिससे व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हो जाता है। सही समय पर उपचार न मिलने से यह बीमारी जानलेवा बन जाती है।
आप पढ़ रहे है – Difference Between Type1 and Type2 Diabetes in Hindi
मधुमेह के लक्षण (Diabetes Symptoms)
Symptoms of Diabetes – मधुमेह के सामन्य लक्षण इस प्रकार है –
- बार-बार पेशाब आना
- अधिक प्यास लगना
- भूख में वृद्धि
- घाव के ठीक होने में देरी
- थकान
- वजन में कमी
- चिड़चिड़ापन
- हाथों और पैरों में सूजन।
दोस्तों यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि दोनों ही प्रकार के मधुमेह में लक्षण एक समान है लेकिन दोनों से पीड़ित लोगों में लक्षण दिखने के समय में अंतर होता है। टाइप 1 से पीड़ित व्यक्ति में लक्षण टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के मुकाबले अधिक जल्दी दिखाई देने लगते हैं। टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति में लक्षण धीरे धीरे दिखते हैं और काफी समय तक इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है।
टाइप 1 मधुमेह के कारण
दोस्तों हमारे शरीर की एक प्रतिरक्षा प्रणाली होती है जो हमारे शरीर को बाहरी हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर को इन बाहरी वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षित रखती है। परंतु टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में उस व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन उत्पादक बैक्टीरिया को नष्ट करने लग जाती है।
यह बैक्टीरिया हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं परंतु प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट किए जाने पर हमारा शरीर इन बैक्टीरिया का उत्पादन करने में असमर्थ हो जाता है। शोधकर्ताओं द्वारा यह अभी तक नहीं पता चला है कि ऐसा क्यों होता है हालांकि कुछ शोधों में यह पता चला है कि यह कुछ वायरस के संपर्क में आने या कुछ पर्यावरणीय कारकों द्वारा भी हो सकता है।
टाइप 2 मधुमेह के कारण
टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति का शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो करता है परंतु इसके उपयोग करने की क्षमता को खो देता है। इस प्रकार के मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन तो काफी समय तक होता रहता है लेकिन शरीर उसका उपयोग न कर पाने के कारण रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है।
लंबे समय तक टाइप 2 मधुएह से पीड़ित होने के बाद शरीर इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है।शोधकर्ताओं द्वारा इसका अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है कि ऐसा क्यों होता है लेकिन कुछ शोधों में पता चला है कि कुछ पर्यावरणीय या जीवन शैली कारकों द्वारा भी व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित हो सकता है।
टाइप 1 मधुमेह का उपचार
टाइप 1 मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई उपचार नहीं मिल पाया है। क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के शरीर मे इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता तो इसे समय समय पर शरीर में इंजेक्ट करवाना पड़ता है।
टाइप 2 मधुमेह का उपचार
टाइप 2 मधुमेह बीमारी का उपचार संभव है। सही आहार, व्यायाम और सही दिनचर्या के द्वारा इस बीमारी को बचा और इसका उपचार भी किया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों मे अधिक चिकित्सक सहायता की आवश्यकता पड़ सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Conclusion – दोस्तों मधुमेह एक बीमारी का नाम है जो रक्त मे शुगर की वृद्धि से होती है। दोनों ही प्रकार टाइप 1 और टाइप 2 दोनों ही इंसुलिन द्वारा रक्त में शुगर के प्रवाह की प्रक्रिया को प्रभावित करते है। मधुमेह एक जानलेवा बीमारी है परंतु सही समय पर इलाज हो जाने जाने से टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को ठीक किया जा सकता है।
टाइप 1 से पीड़ित व्यक्ति को अधिक देखभाल की आव्श्क्यता होती है औए उसे समय समय पर इंसुलिन इंजेक्ट करना पड़ता है। कुछ शोधों के मुताबिक यदि आप मधुमेह से बचना चाहते है तो सही भोजन और व्यायाम ही सबसे कारगर माना जाता है।
दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि आप मधुमेह क्या होता है, टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह मे क्या अंतर होता है के बारे में जान गए होंगे। यदि हमारे आर्टिकेल से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप कमेंट सेक्शन मे पूछ सकते है। हम जल्द से जल्द आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे।
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