गवर्नर जनरल और वाइसराय में अंतर  Governor General vs Viceroy

गवर्नर जनरल कौन होते है? 

भारत के गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त किया गया था और वह भारत में क्राउन के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता था।  

वायसराय कौन होते है?

भारत के वायसराय को ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त किया गया था और भारत में ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्व करता था।  

गवर्नर जनरल vs वायसराय

गवर्नर-जनरल के पास सीमित शक्तियाँ थीं और वह ब्रिटिश सरकार की प्रत्यक्ष देखरेख में संचालित होता था। वायसराय के पास व्यापक शक्तियां थीं और व्यापक जिम्मेदारियों और अधिकार क्षेत्र के कारण निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता का आनंद ले सकता था।

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गवर्नर जनरल vs वायसराय

गवर्नर-जनरल की प्राथमिक जिम्मेदारी अपने शासित क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखना थी। वायसराय की भूमिका कानून और व्यवस्था बनाए रखने से परे फैली हुई है। उनका दायरा व्यापक था, जिसमें राजनीतिक, प्रशासनिक और कूटनीतिक कार्य शामिल थे।

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गवर्नर जनरल vs वायसराय

गवर्नर-जनरल का अधिकार आमतौर पर भारत के भीतर एक विशिष्ट क्षेत्र या प्रेसीडेंसी तक सीमित था, जैसे कि बंगाल या मद्रास। वायसराय का पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर अधिकार क्षेत्र था, सभी क्षेत्रों और प्रेसीडेंसी पर नियंत्रण था।

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गवर्नर जनरल vs वायसराय

गवर्नर-जनरल भारत में ब्रिटिश सम्राट का प्रतिनिधित्व करता था  वायसराय ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्व करते थे 

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गवर्नर जनरल vs वायसराय

गवर्नर-जनरल वायसराय की तुलना में एक निम्न पद धारण करता था  वायसराय ने ब्रिटिश भारत में सर्वोच्च पद धारण किया, जो औपनिवेशिक प्रशासन में सर्वोच्च शक्ति और अधिकार का प्रतीक था। 

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गवर्नर जनरल vs वायसराय

विदेशी मामलों में गवर्नर-जनरल की भागीदारी अपेक्षाकृत सीमित थी  वायसराय ने विदेशी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे

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गवर्नर जनरल vs वायसराय

गवर्नर-जनरल का कार्यकाल आमतौर पर कुछ वर्षों से लेकर एक दशक तक छोटा होता था। वायसराय का कार्यकाल लंबा होता था, जो अक्सर कई वर्षों का होता था, जिससे वे  प्रशासन और नीतियों पर अधिक गहरा प्रभाव डाल पाते थे।

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