2023 में सीबीआई और ईडी में अंतर (with table) | 15 Difference Between CBI and ED in Hindi

2023 में सीबीआई और ईडी में अंतर (with table). 15 Difference Between CBI and ED in Hindi – केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भारत की दो सबसे प्रमुख जांच एजेंसियां हैं। दोनों एजेंसियां वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन वे अपने दायरे, अधिकार क्षेत्र और कामकाज में भिन्न हैं।

सीबीआई भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव वाले हाई-प्रोफाइल अपराधों से संबंधित मामलों की जांच के लिए जिम्मेदार है। दूसरी ओर, ईडी मुख्य रूप से आर्थिक अपराधों, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जांच के लिए जिम्मेदार है।
इस संदर्भ में, सीबीआई और ईडी के बीच अंतर, उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों और भारतीय कानूनी प्रणाली में उनकी भूमिकाओं को समझना महत्वपूर्ण है। यह ज्ञान व्यक्तियों और संगठनों को यह समझने में मदद कर सकता है कि ये एजेंसियां ​​कैसे काम करती हैं और जब वे एक जांच में शामिल होती हैं तो क्या अपेक्षा की जाती है।

सीबीआई क्या है? (What is CBI)

What is Central Bureau of Investigation (CBI) – केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भारत सरकार की प्रमुख जांच एजेंसी है। इसे भारत सरकार ने साल 1963 में एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में स्थापित किया था, जो भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों, विशेष अपराधों और राज्य सरकारों और अदालतों द्वारा संदर्भित मामलों सहित गंभीर अपराधों की जांच करती है।

यह एजेंसी भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में भी कार्य करती है। सीबीआई के पास पूरे देश में मामलों की जांच करने का अधिकार है, और इसके अधिकारियों के पास संदिग्धों को गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने की शक्ति है। एजेंसी का नेतृत्व एक निदेशक करता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। CBI को भारत की सबसे शक्तिशाली कानून प्रवर्तन एजेंसियों में से एक माना जाता है।

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ईडी क्या है? (What is ED?)

What is Enforcement Directorate (ED)  – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत में एक कानून प्रवर्तन एजेंसी है जो देश के आर्थिक कानूनों और विनियमों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। यह एक विशेष वित्तीय जांच एजेंसी है जो वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग के अधीन कार्य करती है।

ईडी का प्राथमिक काम मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा उल्लंघन और अन्य वित्तीय अपराधों से संबंधित मामलों की जांच और मुकदमा चलाना है। एजेंसी के पास धन शोधन निवारण अधिनियम, प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लौंडरिंग एक्ट, पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act, PMLA) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, फेमा (Foreign Exchange Management Act FEMA) के प्रावधानों के तहत तलाशी, बरामदगी और गिरफ्तारी करने की शक्ति है।

ईडी आर्थिक अपराधों से निपटने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग जैसी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है। एजेंसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और पूरे भारत के प्रमुख शहरों में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं।

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सीबीआई और ईडी में अंतर (Difference Between CBI and ED in Hindi)

तुलना का आधार
Basis of Comparison

सीबीआई
CBI

ईडी
ED

क्षेत्राधिकार
Jurisdiction

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) एक प्रमुख जांच एजेंसी है जो मिनिस्ट्री ऑफ़ पर्सनल पब्लिक ग्रीवेंस और पेंशन मंत्रालय के तहत काम करती है। एजेंसी को देश भर में भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों और बड़े अपराधों से संबंधित मामलों की जांच करने का अधिकार है।

इसके विपरीत, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक विशेष एजेंसी है जो वित्त मंत्रालय के तहत काम करती है और मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा के उल्लंघन के मामलों की जांच के लिए जिम्मेदार है।

शक्तियाँ
Powers

सीबीआई के पास गिरफ्तारी करने, तलाशी और बरामदगी करने और स्थानीय पुलिस अधिकारियों की सहायता लेने सहित मामलों की जांच और मुकदमा चलाने की व्यापक शक्तियाँ हैं। एजेंसी को केंद्र सरकार की अनुमति से भारत के बाहर के मामलों की जांच करने का भी अधिकार है।

दूसरी ओर, ईडी मुख्य रूप से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है और इसके पास तलाशी और जब्ती करने, संपत्तियों को कुर्क करने और संदिग्धों को गिरफ्तार करने की शक्ति है।

संरचना
Structure

CBI का नेतृत्व एक निदेशक करता है जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है और विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों की एक टीम द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें उप महानिरीक्षक (DIG), पुलिस अधीक्षक (SP) और निरीक्षक (Inspector) शामिल हैं। एजेंसी की दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई सहित देश भर के प्रमुख शहरों में शाखाएँ हैं।

दूसरी ओर, ईडी का नेतृत्व एक निदेशक करता है जिसकी सहायता संयुक्त निदेशक, उप निदेशक और सहायक निदेशक करते हैं। एजेंसी के देश भर के प्रमुख शहरों में कार्यालय हैं और कई विदेशी देशों में भी इसकी उपस्थिति है।

फोकस

Focus

दोनों एजेंसियां आर्थिक अपराधों की जांच के लिए जिम्मेदार हैं, उनके फोकस क्षेत्र अलग-अलग हैं। सीबीआई मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, बड़े अपराधों और धोखाधड़ी, धोखाधड़ी और गबन जैसे आर्थिक अपराधों के मामलों की जांच करती है।

दूसरी ओर, ईडी मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा के उल्लंघन के मामलों की जांच पर ध्यान केंद्रित करता है।

जवाबदेही

सीबीआई और ईडी दोनों केंद्र सरकार के प्रति जवाबदेह हैं और न्यायपालिका द्वारा निरीक्षण के अधीन हैं। हालांकि, अतीत में कथित राजनीतिक हस्तक्षेप और स्वतंत्रता की कमी के लिए सीबीआई की आलोचना की गई थी।

इसके विपरीत, ईडी को आमतौर पर एक अधिक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में माना जाता है।

कानूनी ढांचा
Legal framework

सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत काम करती है, जो एजेंसी को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और न्यायपालिका द्वारा संदर्भित मामलों की जांच करने का अधिकार देती है।

इसके विपरीत, ईडी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत काम करता है, जो इसे मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा के उल्लंघन के मामलों की जांच करने की शक्ति देता है।

जांच के लिए दृष्टिकोण
Approach to investigations

जांच के लिए सीबीआई का दृष्टिकोण आम तौर पर अधिक पारंपरिक है और पारंपरिक तरीकों जैसे साक्षात्कार, निगरानी और फोरेंसिक के माध्यम से साक्ष्य एकत्र करने पर निर्भर करता है। सबूत इकट्ठा करने और गिरफ्तारी करने के लिए एजेंसी अक्सर स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग पर निर्भर करती है।

दूसरी ओर, ईडी का दृष्टिकोण वित्तीय लेन-देन पर अधिक केंद्रित है और इसमें अक्सर कई खातों और न्यायालयों में धन के प्रवाह का पता लगाना शामिल होता है।

जांच का दायरा
Scope of investigations

सीबीआई का क्षेत्राधिकार व्यापक है और इसमें विभिन्न प्रकार के अपराध शामिल हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध और हत्या और आतंकवाद जैसे बड़े अपराध शामिल हैं।

ईडी का ध्यान अधिक संकीर्ण रूप से परिभाषित है और मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा के उल्लंघन के मामलों की जांच तक सीमित है।

प्रशिक्षण और विशेषज्ञता
Training and expertise

सीबीआई पुलिस, राजस्व सेवा और अन्य सरकारी एजेंसियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमि के अधिकारियों को नियुक्त करती है। एजेंसी अपने अधिकारोयों को नियमित तौर पर ट्रेनिंग देती है और ये सुनिश्चित करती है की उनके ऑफिसर नवीनतम जांच तकनीकों और कानूनी विकास के क्षेत्र में अप टू डेट रहें।

दूसरी ओर, ईडी मुख्य रूप से भारतीय राजस्व सेवा और अन्य वित्तीय पृष्ठभूमि के अधिकारियों को नियुक्त करता है, और वित्तीय जांच में विशेषज्ञता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।

अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग
Cooperation with other agencies

सीबीआई और ईडी दोनों अक्सर सबूत इकट्ठा करने और गिरफ्तारी करने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों एजेंसियों के साथ सहयोग करते हैं। हालांकि, उनके काम की प्रकृति का मतलब है कि वे अक्सर विभिन्न एजेंसियों के साथ काम करते हैं। उदाहरण के लिए, सीबीआई पुलिस या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम कर सकती है।

ईडी मुख्यत: आयकर विभाग या अन्य फाइनेंसियल रेगुलेटरी (वित्तीय नियामक) एजेंसियों के साथ काम कर सकती है।

मामलों के प्रकार
Types of cases

सीबीआई आम तौर पर उन मामलों की जांच करती है जिनमें सार्वजनिक अधिकारी या सरकारी कर्मचारी शामिल होते हैं।

ईडी मुख्यत: मनी लौंडरिंग, विदेशी मुद्रा उल्लंघन और हवाला लेनदेन जैसे वित्तीय अपराधों पर ध्यान केंद्रित करता है। हालांकि, कुछ मामलों में दोनों एजेंसियां ओवरलैप हो सकती हैं, जैसे रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले।

आजादी

सीबीआई और ईडी दोनों सरकारी एजेंसियां हैं, उनकी स्वतंत्रता और स्वायत्तता को लेकर हमेशा से काफी चर्चा रही हैं। सीबीआई को अपनी जांच में कथित राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए अतीत में आलोचना का सामना करना पड़ा है।

ईडी पर भी सरकार की नीतियों से प्रभावित होने और प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव का आरोप लगाया गया है।

प्राधिकरण का दायरा
Scope of authority

सीबीआई के पास पूरे भारत में मामलों की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है।

जबकि ईडी का अधिकार सीमा पार या अंतरराष्ट्रीय आयाम वाले आर्थिक अपराधों तक सीमित है। हालांकि, ईडी विदेशी मुद्रा के उल्लंघन से संबंधित मामलों की भी जांच कर सकता है, भले ही वे भारत के भीतर ही क्यों न हों।

प्रवर्तन तंत्र
Enforcement mechanism

सीबीआई के पास आपराधिक गतिविधियों का दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की शक्ति है।

जबकि ईडी की भूमिका अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति को जब्त करने पर अधिक केंद्रित है। कुछ मामलों में, ईडी आगे की कार्रवाई के लिए सीबीआई जैसी अन्य एजेंसियों को एकत्रित की गई जानकारी को पास कर सकता है।

कानूनी शक्तियां
Legal powers

सीबीआई भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसीए) और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामलों की जांच कर सकती है।

ईडी मनी लौंडरिंग अधिनियम (पीएमएलए), विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामलों की जांच कर सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

अंत में, जबकि सीबीआई और ईडी दोनों भारत में महत्वपूर्ण जांच एजेंसियां हैं, उनके पास अलग-अलग जनादेश और फोकस क्षेत्र हैं। सीबीआई मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, बड़े अपराधों और आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों की जांच करती है, जबकि ईडी मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा के उल्लंघन के मामलों की जांच करती है। दोनों एजेंसियां केंद्र सरकार और न्यायपालिका के प्रति जवाबदेह हैं लेकिन अलग-अलग संरचनाएं और शक्तियां हैं।

आज हमने इस पोस्ट में आप को सीबीआई और ईडी के  बीच अंतर (Difference Between CBI and ED) बताया, अगर इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो मेरे कमेंट बॉक्स में आकर पूछे। हम आपके सवालों का जवाब अवश्य देंगे।

तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में!

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