6 Difference Between Vedas and Upanishads in Hindi, वेद और उपनिषद में अंतर
Difference Between Vedas and Upanishads in Hindi – दोस्तो आज की इस पोस्ट में जानेंगे कि वेद और उपनिषद (vedas or upanishad me kya antar hai) में क्या अंतर है। और साथ ही वेद और उपनिषद (vedas or upanishad kya hote hai) किसे कहते है।
वेद और उपनिषद दोनों ही हिन्दू धर्म मे बहुत मान्यता रखने वाले ग्रंथ है। और इन्हीं पर हिन्दू धर्म या कहे सनातन धर्म की अवधारणा निहित है। परन्तु कुछ लोगो का यह मानना है, जिन्हें इनके बारे में सही से नहीं पता कि वेद और उपनिषद दोनों एक ही है। लेकिन ऐसा नहीं है हां वो बात अलग है कि उपनिषद वेद का ही एक भाग है लेकिन दोनों अलग अलग कार्य के रूप में निहित है।
आइये हम पहले इनके बीच के अंतर को सारणी के माध्यम से समझ लेते है! आप पढ़ रहे है – 6 Difference Between Vedas and Upanishads in Hindi
Contents
तुलना सारणी
Vedas (वेद) | Upnishads (उपनिषद) |
वेदों की रचना 2000 ई पूर्व से लेकर 2500 ई पूर्व तक है। | उपनिषद की रचना 3000 ई पूर्व से 3500 ई पूर्व तक है। |
वेदों को चार भागो मे विभाजित किया है, ऋग्वेद , यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद | उपनिषद के मुख्य भाग 13 है ईशावास्योपनिषद्, केनोपनिषद्, कठोपनिषद्, प्रश्नोपनिषद्, मुण्डकोपनिषद्, माण्डूक्योपनिषद्, तैत्तरीयोपनिषद्, ऐतरेयोपनिषद्, छान्दोग्योपनिषद्, बृहदारण्यकोपनिषद्, श्वेताश्वतरोपनिषद्, कौशितकी उपनिषद्, मैत्रायणी उपनिषद् |
वेदों का मुख्य उद्देश्य धार्मिक अनुष्ठान, जीवनशैली, परंपराएं आदि है | उपनिषद का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक ध्यान, तथा ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करवाना है। |
संस्कृत में वेद का अर्थ ज्ञान होता है। | संस्कृत में उपनिषद का अर्थ है कि शिष्यों का गुरु के समीप बैठ शिक्षा प्राप्त करना। |
सभी 4 वेद विभिन्न ग्रंथों की रचनाएं हैं। | उपनिषद किसी भी वेद के अंतिम खंड में हैं। उपनिषद एक वेद की उपश्रेणी है। |
वेदों को 4 प्रमुख पाठ प्रकारों में विभाजित किया गया है - संहिता (मंत्र), आरण्यक (अनुष्ठान, बलिदान, समारोह पर ग्रंथ), ब्राह्मण (यह पवित्र ज्ञान की व्याख्या देता है, यह वैदिक काल के वैज्ञानिक ज्ञान को भी उजागर करता है) और चौथा प्रकार का पाठ है उपनिषद। 3 प्रकार के ग्रंथ जीवन के कर्मकांडी पहलुओं से निपटते हैं। | उपनिषद वेदों के 4 प्रमुख पाठ प्रकारों में से एक है। उपनिषद आध्यात्मिक ज्ञान और दर्शन पर आधारित ग्रंथ हैं। उपनिषदों की उत्पत्ति वेदों की प्रत्येक शाखा से हुई है। उपनिषद जीवन के दार्शनिक पहलुओं से संबंधित है |
वेद किसे कहते है? (What are Vedas?)
Veda kya hai – वेद वह है जो एक पाठ के रूप में हिन्दू संस्कृति के बारे में ज्ञान देते है। तथा जिनसे संस्कृति और समाज का भला होता है। वेद शब्द की उत्पति संस्कृत भाषा के “विद् ” शब्द से हुई है। और वेद का शाब्दिक अर्थ होता है “ज्ञान”।
वेद भारत का ही नहीं विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ है, साथ ही यह भारत का प्राचीनतम धर्मग्रंथ भी है तथा वेद भारत का पवित्र साहित्य भी है। इसके संकलनकर्ता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को माना जाता है।
वेदों को भारतीय संस्कृति को आधारशिला भी माना जाता है। तथा इन्हीं पुराने ग्रंथो की वजह से भारतीय संस्कृति इतनी समृद्ध और विकसित है। गहन चिन्तन और तपस्या के बाद ऋषि मुनियों द्वारा जो ज्ञान अर्जित किया गया था वहीं वेदों में श्लोक या कहे मंत्रो के रूप में अर्जित है।
वेद कितने प्रकार के होते है? (Types of Vedas)
वेदों के चार प्रकार है, यह चारो वेद जीवन की एक विशेष शाखा का प्रतिनिधित्व करता है। जिनके नाम निम्न रूप में है।
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
वेद का दूसरा नाम क्या है? (Veda ka dusra name kya hai)
यह भी मान्यता है कि परमात्मा ने सबसे पहले चार महर्षियों को चारों वेदों का ज्ञान दिया, उन महर्षियों ने फिर यह ज्ञान ब्रह्मा को दिया। इन्हें श्रुति भी कहते हैं जिसका अर्थ है ‘सुना हुआ ज्ञान’। अन्य आर्य ग्रंथों को स्मृति कहते हैं, यानि वेदज्ञ मनुष्यों की वेदानुगत बुद्धि या स्मृति पर आधारित ग्रन्थ। वेद मंत्रों की व्याख्या करने के लिए अनेक ग्रंथों जैसे ब्राह्मण-ग्रन्थ, आरण्यक और उपनिषद की रचना की गई। जिसमे उपनिषद भी एक ग्रंथ है।
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उपनिषद किसे कहते है? (What are Upanishads?)
Upanishad kya hai – आत्मज्ञान, योग, ध्यान, दर्शन आदि वेदों में निहित सिद्धांत तथा उन पर किये गये शास्त्रार्थ (सही रूप से समझने या समझाने के लिये प्रश्न एवं तर्क करना) के संग्रह को उपनिषद कहा जाता है। उपनिषद शब्द का संधिविग्रह ‘उप + नि + षद’ है, उप = निकट, नि = नीचे तथा षद = बैठना होता है अर्थात् शिष्यों का गुरु के समीप बैठकर ज्ञान अर्जित करना होता है।
उपनिषदों में गुरु और शिष्य के बीच बहुत सुंदर और गूढ़ तरीके से संवाद का वर्णन किया गया है जो इसके पाठक को वेदों के मूल ज्ञान पहुंचाने का मार्ग ओर भी आसान कर देता है।
उपनिषदों की संख्या कितनी है? (How many Upanishads are there?)
Upanishad kitne hai – उपनिषदों की रचना वेदव्यास द्वारा कि गई थी, तथा उपनिषद की भाषा संस्कृत है। उपनिषदों की कोई निश्चित संख्या किसी को भी अभी तक ध्यान नहीं हो पाई है, लेकिन कुछ विद्वानों के अनुसार उपनिषदों की संख्या 108 है जिनमे से 13 उपनिषदों को मुख्य उपनिषद कहा जाता है। मुख्य उपनिषद वे उपनिषद होते है जो अधिक पुराने है और जिसने अधिक पढ़ा गया है तथा अधिक प्रयोग में लगाया गया हो।
- ईशावास्योपनिषद्,
- केनोपनिषद्
- कठोपनिषद्
- प्रश्नोपनिषद्
- मुण्डकोपनिषद्
- माण्डूक्योपनिषद्
- तैत्तरीयोपनिषद्
- ऐतरेयोपनिषद्
- छान्दोग्योपनिषद्
- बृहदारण्यकोपनिषद्
- श्वेताश्वतरोपनिषद्
- कौशितकी उपनिषद्
- मैत्रायणी उपनिषद्
उपनिषदों की रचना कब हुई? (When were the Upanishads composed?)
उपनिषदों की रचना का समय 3000 ईसा पूर्व से लेकर 3500 वर्ष पूर्व तक माना जाता है। इसके साथ ही वेदों और पुराणों के रचना का काल भी इसी काल को माना जाता है।
वेदों और उपनिषद में क्या अंतर है? (Key Difference Between Vedas and Upanishads)
Veda aur Upanishad mein antar – हमने आपको बताया कि वेद और उपनिषद क्या होते है तथा इनके कितने भाग है, इसके आगे हम जानेंगे कि वेद और उपनिषद में मुख्य क्या अंतर है। देखा जाए तो दोनों ही सनातन धर्म को विकसित करने में योगदान देते है। तथा मनुष्य के जीवन को सफल बनाने का मार्ग दिखलाते है।
- जैसा कि हमने बताया आपको की वेदों से ही उपनिषद की उत्पत्ति है, अर्थात् प्रत्येक वेद चार भाग से बना है, संहिता, ब्राह्मण, अरण्यक और उपनिषद। इससे आपको पता चल गया होगा कि वेद से उपनिषद बनता है। उपनिषद वेदों का एक हिस्सा है और वह वेदों पर निर्भर करते है लेकिन इसके विपरित वेद स्वतंत्र लीपिया है।
- वेद का कार्य जीवन का तरीका समझाने का है, जो एक तथ्य के रूप में प्रदर्शित होता है और वही उपनिषदों का कार्य प्रत्येक तथ्य के पीछे दार्शनिक अवधारणा की व्याख्या करना है।
- वेदों का कार्य ज्ञान प्राप्त करना होता है, तथा वहीं उपनिषदों का कार्य इसी ज्ञान को उपयोग में लाकर आखिरी मंजिल तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करवाते है।
- लिखित ग्रंथ के रूप में बात करे तो वेदों का कोई लिखित ग्रंथ नहीं है, लेकिन उपनिषदों को पुस्तकों ने लिखित रूप में पाया जाता है।
- वेदों की अगर पढ़ने या समझने के लिए किसी को भी पढ़ाया जा सकता है, परंतु उपनिषद उन में गहरे दार्शनिक विचारों के कारण आसानी से नहीं पढ़े जा सकते हैं। आप पढ़ रहे है – 6 Difference Between Vedas and Upanishads in Hindi
निष्कर्ष
हमने जो आपको जानकारी दी है उससे आपको यह बात को पूरी तरह से समझ आ गया होगी की वेद और उपनिषद किसे कहते है, वेद और उपनिषद के रचियता कौन है तथा इनमें क्या क्या अंतर है। हमे उम्मीद है आपको हमारी एक की इस पोस्ट(Difference Between Vedas and Upanishads in Hindi)। वेद और उपनिषद में अंतर)से आपके वेद और उपनिषद से रिलेटेड सवालों के जवाब मिल गए होंगे।
अगर आपको लगता है कि आपके कुछ सवालों के जवाब नहीं मिले हो तो हमे कॉमेंट करके जरूर बताएं हम आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।