चैत्र और शरद नवरात्री में अंतर, Difference Between Chaitra Navratri and Sharad Navratri in Hindi – चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि भारत में मनाए जाने वाले हिंदू त्योहारों में से दो सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार हैं। जैसा की हम जानते है कि दोनों ही त्यौहार देवी दुर्गा की पूजा के इर्द-गिर्द हैं, लेकिन फिर भी इनमे कुछ मामूली अंतर है जो वर्ष के समय, उनसे जुड़े अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों और उनके महत्व के संदर्भ में भिन्न होते हैं। तो चलिए आज के लेख में हम दोनों नवरात्रियों के बारे में जानकर उनके बीच के अन्तरो (Difference Between Chaitra Navratri and Sharad Navratri) को भी समझेंगे –
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चैत्र नवरात्रि
जैसा की नाम से समझ आता है ये नवरात्री हिन्दू पंचांग के हिसाब से चैत्र महीने में आती है जिसे इसी मास चैत्र के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। जो की अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से मार्च या अप्रैल में आती है। नौ दिनों तक चलने वाले ही त्यौहार का समापन भगवान राम के जन्मदिन रामनवमी से होता है । ऐसा माना जाता है की चैत्र नवरात्री में की जाने वाली साधना मनुष्य को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है। साथ ही ये नवरात्री मनुष्य की आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मनी जाती हैंआध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने वाली होती हैं
इस नवरात्री का का अपना अलग ही महत्व है क्यूंकि इस समय हिन्दू लोग अपना नववर्ष मानते है, मराठी लोग इसे ‘गुड़ी पड़वा’ और कश्मीरी हिंदू ‘नवरे’ के रूप में मनाते हैं, आंध प्रदेश, तेलांगना और कर्नाटक में हिंदू इसे ‘उगादी’ नाम से मनाते हैं।
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शारदीय नवरात्रि
जैसे की चैत्र नवरात्री का महत्त्व है ठीक उसी तरह शरद नवरात्रि का भी हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह नवरात्री अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन पूरे भारत में दुर्गा पूजा के रूप में मनाई जाती है। शरद नवरात्रि से शरद ऋतु का आरंभ हो जाता है।
नवरात्री मानाने का कारण
शास्त्रों के अनुसार निम्न कारणों से नवरात्री मनाई जाती है –
- ऐसी मान्यता है कि नौ दिनों की लंबी लड़ाई के बाद देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया, उसी के बाद से बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में नवरात्रि मनाई जाने लगी।
- साथ में भगवान राम ने रावण को युद्ध में पराजित करने के लिए देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की थी। इसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, जिसके चलते विजयदशमी मनाई जाती है, जिससे इस समय का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
इस नवरात्रि में माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का पूजन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और इसमें भी कलश और दीप स्थापित करने से घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है।
शरद नवरात्रि के नौ दिनों के अनुष्ठान में हवन का आयोजन किया जाता है और माता का अभिषेक किया जाता है। भक्त नौ दिनों के पर्व को उपवास, ध्यान और देवी के नौ रूपों की पूजा के माध्यम से मनाते हैं। जहां कुछ लोग पूरे नौ दिनों तक उपवास करते हैं।
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चैत्र और शरद नवरात्री में अंतर (Difference Between Chaitra Navratri and Sharad Navratri in Hindi)
तुलना का आधार | चैत्र नवरात्रि | शरद नवरात्रि |
वर्ष में मानाने का समय | चैत्र नवरात्रि हिंदू महीने चैत्र में मनाई जाती है, जो आमतौर पर मार्च और अप्रैल के बीच आती है। यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इसे वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है। | दूसरी ओर, शरद नवरात्रि हिंदू महीने अश्विन में मनाई जाती है, जो आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के बीच आती है। |
उद्देश्य | चैत्र नवरात्रि की साधना मानसिक रूप से लोगों को मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने वाली होती हैं | शारदीय नवरात्रि सांसरिक इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी (chaitra navratri 2022) जाती है |
महत्व | चैत्र नवरात्रि वसंत की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है और यह नई शुरुआत, उर्वरता और समृद्धि का समय होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी दुर्गा अपने भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य, धन और खुशियों का आशीर्वाद देती हैं। | दूसरी ओर, शरद नवरात्रि को राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उन्हें बुराई से बचाती हैं। |
रस्में और रीति-रिवाज | चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि दोनों ही बड़े हर्षो उल्लास और उत्साह के साथ मनाई जाती हैं। नवरात्रि के दौरान, भक्त उपवास करते हैं, देवी की पूजा करते हैं, और विभिन्न अनुष्ठान और रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। हालाँकि, चैत्र नवरात्रि से जुड़े अनुष्ठान और रीति-रिवाज शरद नवरात्रि से थोड़े अलग हैं। उदाहरण के लिए, चैत्र नवरात्रि के दौरान, भक्त छोटे-छोटे गमलों में जौ के बीज लगाते हैं, जिन्हें उनके घरों में रखा जाता है और उनमें प्रतिदिन पानी डाला जाता है। नौवें दिन प्रसाद के रूप में अंकुरित दानों का वितरण किया जाता है। | शरद नवरात्रि के दौरान भी, छोटे-छोटे गमलों में जौ के बीज लगाते हैं, भक्त अपने घरों और मंदिरों में देवी दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित करते हैं और दैनिक पूजा और आरती करते हैं। |
खाना | चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि दोनों के दौरान, भक्त मांसाहारी भोजन, शराब और अन्य सांसारिक सुखों का सेवन करने से दूर रहते हैं। इसके बजाय, वे एक साधारण और सात्विक आहार खाते हैं जिसमें फल, सब्जियां और डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं। हालाँकि, चैत्र नवरात्रि के दौरान खाया जाने वाला भोजन शरद नवरात्रि के दौरान खाए जाने वाले भोजन से अलग हो सकता है और एक जैसा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, चैत्र नवरात्रि के दौरान, कई लोग पूरे नौ दिनों तक उपवास करते हैं और केवल फल और दूध का सेवन करते हैं। | शरद नवरात्रि के दौरान भी लोग फलाहार करते है किन्तु कुछ भक्त विस्तृत भोजन भी तैयार करते हैं, जिसमें पूरी, चना और हलवा जैसे विशेष व्यंजन शामिल होते हैं। |
अवधि | चैत्र नवरात्रि नौ दिनों तक चलती है और अंतिम दिन रामनवमी मनाई जाती है | शरद नवरात्रि भी नौ दिनों तक चलती है लेकिन अक्सर दस दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें दसवां दिन विजयादशमी या दशहरा होता है। |
क्षेत्रीय विविधताएं | चैत्र नवरात्रि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में यह एक कम महत्वपूर्ण त्योहार है। | भारत के उत्तरी भागों में, शरद नवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है और इसमें गरबा और डांडिया रास जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं, जबकि भारत के दक्षिणी भागों में, यह एक अधिक शांत मामला है। |
रंगों का महत्त्व | चैत्र नवरात्रि के दौरान, प्रत्येक दिन के साथ कोई विशिष्ट रंग नहीं जुड़ा होता है, और भक्त अपनी पसंद के किसी भी रंग को पहन सकते हैं। | शरद नवरात्रि के दौरान, प्रत्येक दिन एक विशिष्ट रंग से जुड़ा होता है, और भक्त उस रंग के कपड़े पहनते हैं। उदाहरण के लिए, पहला दिन पीले रंग से जुड़ा है, दूसरा दिन हरे रंग से, तीसरा दिन ग्रे रंग से, और इसी तरह आगे भी। |
देवी की पूजा का महत्त्व | चैत्र नवरात्रि के दौरान, देवी के नौ रूपों की पूजा एक ही क्रम में नहीं की जाती है, और कुछ क्षेत्रों में देवी की पूजा के रूपों में भिन्नता हो सकती है। | शरद नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, प्रत्येक रूप देवी के एक विशिष्ट पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। |
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निष्कर्ष (Conclusion)
कुल मिलाकर, जबकि चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा के मामले में कुछ समानताएं साझा करते हैं, वे अपने स्वयं के अनूठे रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और महत्व के साथ अलग-अलग त्योहार हैं।
अंत में, जबकि चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि दोनों देवी दुर्गा का सम्मान और पूजा करने के लिए मनाए जाते हैं, वे अपने महत्व, अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के संदर्भ में भिन्न हैं। हालाँकि, वे दोनों हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण त्योहार हैं और भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।
हमे उम्मीद है इस पोस्ट से आप को चैत्र और शारदीय नवरात्रि में अंतर (Difference Between Chaitra Navratri and Sharad Navratri in Hindi) के बारे में पता चला होगा! अगर इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो मेरे कमेंट बॉक्स में आकर पूछे। हम आपके सवालों का जवाब अवश्य देंगे।
तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में!
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